लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले अपनी सरकार की उपलब्धियां घर-घर तक पहुंचाने के लिए एक खास रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके लिए वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पेशेवरों की मदद ले रहे हैं। चुनाव में प्रचार के लिए उन्होंने अलग टीम बनाई है, जो जनता के बीच सपा की साफ, उन्नत और विकास को बढ़ावा देने वाली पार्टी की छवि पेश करेगी।
यूपी में चुनाव फरवरी 2017 में होने की संभावना है। यानि चुनाव में चार माह का समय बचा है। इसीलिए अखिलेश चाहते हैं कि चुनाव प्रचार कुछ अलग ढंग से हो। इसमें उनकी मदद कर रहे हैं हार्वर्ड के प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग और अद्वेत सिंह, जो सह मुखिया हैं। यह खबर पहले ही आ चुकी है कि जार्डिंग चुनाव में अखिलेश की मदद कर रहे हैं। वह पूरी पार्टी के प्रचार का जिम्मा संभालेंगे। लेकिन अब यह सूचना आ रही है कि जार्डिंग और सिंह सिर्फ टीम अखिलेश का हिस्सा होंगे। इसकी पुष्टि एक सपा नेता ने की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रचार अभियान के लिए अलग टीम बनाई है लेकिन पार्टी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के कहने पर काम करेगी। वही जो रणनीति तय करेंगे पार्टी उसी ढंग से प्रचार करेगी।
सपा ने अब तक चुनाव प्रचार की शुरुआत नहीं की है जबकि कांग्रेस और बसपा कई रैलियां कर चुके हैं। सपा की ओर से प्रचार अभियान की शुरुआत में देरी का कारण परिवार में उत्पन्न विवाद माना जा रहा है। मुलायम सात अक्तूबर को आजमगढ़ से प्रचार अभियान की शुरुआत करने वाले थे लेकिन इसे बाद में टाल दिया गया। इस बीच अखिलेश ने अपने स्तर से ही प्रचार अभियान शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
कितनी बड़ी है टीम
अखिलेश की प्रचार टीम में उनको मिलाकर 20 लोग शामिल हैं। इनमें उन स्थानीय नेताओं को जगह दी गई है जो प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उम्मीद है कि अक्तूबर के मध्य में अखिलेश प्रचार अभियान की शुरुआत कर दें। प्रचार टीम के सह प्रमुख अद्वेत सिंह की मानें तो एक्सपर्ट अखिलेश को रैलियों, बयानों में ऐसा वक्तव्य रखने की शिक्षा दे रहे हैं जिससे पार्टी की जनता के बीच छवि सशक्त हो और कैसे सरकार ने पांच साल में प्रदेश की बेहतरी के लिए काम किया इसकी जानकारी दें।
क्या है रणनीति
टीम इस वक्त उन जगहों का चुनाव कर रही है जहां साइकिल यात्रा शुरू की जा सके। साथ ही कैसे होर्डिंग, बैनर बनवाए जाएं जो सीधे जनता को प्रभावित करें। अखिलेश इन दोनों विशेषज्ञों के संपर्क में इसी साल के मध्य में आए। इन विशेषज्ञों को अखिलेश की बतौर मुख्यमंत्री काम करने की विधि काफी पसंद आई थी और उन्होंने ही मुख्यमंत्री से संपर्क साधा था।
सिंह ने कहा कि जनता में अखिलेश की छवि अच्छी है। जनता से बात करने पर पता चलता है कि अखिलेश से उन्हें बहुत उम्मीदें हैं। हमने कई सुदूर इलाकों का दौरा किया, भिन्न जाति के लोगों से बातचीत की, समय बिताया। इससे पता चला कि लोगों के मन में अखिलेश के विकास एजेंडे को लेकर काफी उम्मीदें हैं। अद्वेत सिंह ने 2014 में राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में भी भूमिका निभाई थी।
क्यों खास हो प्रचार अभियान
जानकारों का कहना है कि वक्त बदलने के साथ सियासत का तरीका भी बदला है। अब विशेषज्ञों की मदद इसलिए ली जाती है ताकि कार्यकर्ताओं को प्रचार कैसे हो यह बताया जा सके। कार्यकर्ता अगर अपने स्तर से प्रचार अभियान का उद्देश्य तय करेंगे तो संभव है कि चुनाव में सफलता न मिले।